निर्दोष एनपी

कस्तो भयो चोला कठै कस्तो जवानी देखियो
भीक्षा  मगन्ते  मामुली  ऊ  खानदानी देखियो
औधी बहाना रोज उसका मन हुरूक्कै भैदिने,
झूटो  मया   देखाइएको   जानिजानी  देखियो
आँखा भरी तस्वीर उसको  यादमा ती पलहरू,
सम्झीन  खोजे  गहभरी  पीयूष  पानी देखियो
भेटौँ  भनेकै  होनि  मैले  खै  कता रूमल्लियौ,
आयौ  पराई   संग  नौँलो  जिन्दगानी  देखियो
बेहोस  भै   दोकानमा   थिएँ   मदीरा   छेउमा,
आधा  अझै बाँकी थियो  पूरा  कहानी देखियो
ध.उप.म.पा.१३ राजपुर, कैलाली